Aankhon Ki Gustaakhiyan: एक ऐसी फिल्म जिसे देख कर आपकी रातों की नींद हराम हो जाएगी
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Image via: hollywoodreporterindia |
Aankhon Ki Gustaakhiyan बॉलीवुड की एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म है जिसे संतोष सिंह ने डायरेक्ट किया है। इस फिल्म की राइटर मानसी बागला है और फिल्म को प्रोड्यूस करने का काम मानसी बागला, वरुण बागला, और विपिन अग्निहोत्री ने किया है। अगर बात करें फिल्म के मुख कलाकारों की तो इस फिल्म में आपको हीरो के रोल में विक्रांत मेस्सी और हीरोइन के रोल में शनाया कपूर देखने को मिलेगी जोकि संजय कपूर की बेटी है। विक्रांत मेस्सी तो एक्टिंग की दुनिया के पुराने खिलाड़ी है लेकिन शनाया कपूर की यह पहली फिल्म है यानी की इस फिल्म से शनाया कपूर को लॉन्च करने की कोशिश की गई है।
अगर हम फिल्म की कहानी के बारे में बात करें तो इस फिल्म में आपको एक ऐसी लड़की (शनाया कपूर) की कहानी देखने को मिलेगी जोकि अंधे की एक्टिंग करने वाली है और इसी कारण से वो अब अंधी बनकर ही घूम रही है। एक बार वह लड़की दिल्ली से मसूरी जा रही होती है और इसी वक्त उसे एक लड़का (विक्रांत मेस्सी) मिलता है जोकि सच में अंधा होता है लेकिन लड़की को ये पता नही होता की वो लड़का सच में अंधा है। वह दोनों किस तरह मिलते है और आगे क्या होता है यह जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी पड़ेगी जिसकी लंबाई करीब 138 मिनिट की है यानी की तकरीबन 2 घंटे 20 मिनिट।
अगर में इस फिल्म का रिव्यू एक लाइन में करू तो यह फिल्म बुरी है और मुझे बिल्कुल भी पसंद नही आई। ऐसे कई कारण से जिसकी वजह से मुझे यह फिल्म पसंद नही आई जिनमे से सबसे पहला कारण इस फिल्म का स्लो होना है। यह फिल्म इतनी ज्यादा स्लो है की थोड़ी देर के बाद हम पकने लगते है।
यह फिल्म बहुत ही ज्यादा फिलोसॉफिकल है जिस कारण से ज्यादातर लोगों का फिल्म के साथ कनेक्शन वैसा नही बन पाता जैसा बनना चाहिए। जैसे जैसे फिल्म आगे बढ़ती जाती है वैसे वैसे लगता है की इस फिल्म को किसी च्युइंग गम की तरह खींचा जा रहा है।
फिल्म में कई जगह इमोशनल सीन क्रिएट करने की कोशिश की गई है लेकिन बदकिस्मती से वे सीन हमे थोड़ा सा भी इमोशनल नही कर पाते। इस फिल्म का मकसद हीरो और हीरोइन की लव स्टोरी से हमे इमोशनल करना और रुलाना था लेकिन अपने इस मकसद में फिल्म बुरी तरह फेल होती है क्योंकि हमारी आंख में एक बूंद भी आसू नही जाते।
अगर बात करें फिल्म के डायलॉग की तो फिल्म के डायलॉग तो अच्छे-अच्छे लेकिन कभी कभी डायलॉग बहुत ज्यादा भारी और फिलोसॉफिकल हो जाते हैं और यहीं पर सारा गेम बिगड़ जाता है।
अगर बात करें एक्टिंग की तो विक्रांत मेस्सी ने अपने किरदार (जहान) की भूमिका खूब अच्छी तरह निभाई है। विक्रांत मेस्सी हर फिल्म और हर वेब सीरीज में बहुत जबरदस्त एक्टिंग करते है और अपना यह ट्रेंड जारी रखते हुए उन्होंने इस फिल्म में भी अच्छी एक्टिंग की है। अब अगर बात करें शनाया कपूर की तो शनाया कपूर की एक्टिंग ठीक-ठाक थी, यानी की बहुत ज्यादा अच्छी भी नही और बहुत ज्यादा खराब भी नही। हीरो और हीरोइन के अलावा फिल्म की सपोर्टिंग कास्ट ने ठीक-ठाक काम किया है।
इस फिल्म में संगीत विशाल मिश्रा का है। फिल्म के गाने अच्छे है लेकिन इतने ज्यादा अच्छे नही है की हमारे दिमाग में अपने आप चलने लगे। अमूमन इस प्रकार के रोमांटिक फिल्मों में गाने जबरदस्त होते है जिस तरह Aashiqui 2 फिल्म के गाने थे जो ऑडियंस को आज भी याद है लेकिन Aankhon Ki Gustaakhiyan फिल्म में एक भी गाना ऐसा नहीं है जोकि लोगों को लंबे अरसे तक याद रह जाए।
कुलमिलाकर Aankhon Ki Gustaakhiyan एक बुरी फिल्म है जोकि रोमांटिक फिल्में पसंद करने वाले लोगों को भी शायद खास अच्छी ना लगे। अगर आप इस फिल्म को देखने के लिए जाने वाले है तो अपनी एक्सपेक्टेशन कम ही रखना क्योंकि शायद आपकी हाई एक्सपेक्टेशन पर यह फिल्म खरी ना उतर पाए।
Rating: 1/5
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