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भारत और ईरान के इस समझौते से पाकिस्तान और चीन की उड़ी नींद

भारत और ईरान के इस समझौते से पाकिस्तान और चीन की उड़ी नींद 

भारत और ईरान के इस समझौते से पाकिस्तान और चीन की उड़ी नींद
Image via: republicworld

भारत एक ऐसा वाहिद मुल्क है जिसके रिश्ते अमेरिका से भी अच्छे है और रशिया से भी, उसके अलावा भारत इजराइल के साथ भी डील करता है और ईरान के साथ भी यानी की भारत किसी भी देश का पक्ष नही लेता और गुटनिरपेक्षता के सिद्धांत पर चलता है, जिस कारण से भारत उन दो देशों से भी अच्छे संबंध बनाकर रख पाता है जिन दो देशों में दुश्मनी होती है। 

ईरान और इजराइल के बीच बहुत गहरी दुश्मनी है लेकिन उसके बावजूद भारत के रिश्ते इन दोनों ही देशों के साथ बहुत अच्छे है जिस कारण से भारत आए दिन इजराइल और ईरान के साथ डील साइन करता रहता है। हालही में भारत ने ईरान के साथ एक बड़ी डील साइन की है जिससे भारत और ईरान दोनों ही देशों को काफी फायदा होगा लेकिन इस डील के कारण पाकिस्तान और चीन के पेट में मरोड़ उठ रही है। अब आप यह सोच रहे होंगे की ईरान और भारत की डील से भला पाकिस्तान और चीन के पेट में मरोड़ क्यों उठ रही है? दरअसल भारत और ईरान ने यह समझौता ईरान के चाबहार में स्थित शाहिद बेहश्ती बंदरगाह के संचालन के लिए किया है। 

अगर आपको नही पता तो हम आपको बतादें की शाहिद बेहश्ती ईरान का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है जिसके संचालन के लिए इंडिया पोर्ट ग्लोबल लिमिटेड (आईपीजीएल) और ईरान के बंदरगाह और समुद्री संगठ (पोर्ट्स एंड मैरीटाइम ऑर्गनाइजेशन-पीएमओ) के बीच एक समझौता हुआ है। भारत और ईरान के बीच हुआ यह समझौता 10 साल का है यानी की यह एक लंबी अवधि का समझौता है जिसकी अवधि समाप्त होने पर इसे वापस रिन्यू किया जा सकता है। 

पाकिस्तान और चीन ईरानी सरहद के करीब एक बंदरगाह विकसित कर रहे हैं जिसका नाम ग्वादर पोर्ट है। भारत, अफगानिस्तान, और ईरान को जोड़ने वाले चाबहार पोर्ट को ग्वादर पोर्ट के लिए चुनौती के तौर पर देखा जाता है और इसी कारण से पाकिस्तान और चीन के पेट में मरोड़ उठ रही है क्योंकि चाबहार पोर्ट के कारण चीन और पाकिस्तान द्वारा विकसित किए जा रहे ग्वादर पोर्ट की वैल्यू को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है।

भारत और ईरान के इस समझौते के तहत इंडिया पोर्ट ग्लोबल लिमिटेड तकरीबन 120 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी और उसके अलावा 250 मिलियन डॉलर की वित्तीय मदद की जाएगी जिसका अर्थ हुआ की भारत और ईरान के बीच हुआ यह समझौता तकरीबन 370 मिलियन डॉलर का हो जाएगा। दोस्तों इस समझौते के कारण भारत की पहुंच अफगानिस्तान और मध्य एशिया में और भी आसान हो जाएगी जोकि भारत के लिए बहुत फायदेमंद है।

चाबहार पोर्ट पाकिस्तान और चीन के द्वारा विकसित किए जाने वाले ग्वादर पोर्ट के सबसे बड़े कंपीटीटर के रूप में उभर रहा है और यही चीज पाकिस्तान और चीन को अखर रही है क्योंकि चीन ग्वादर पोर्ट की मदद से कूटनीतिक बढ़त बनाना चाहता था लेकिन भारत ने ईरान के साथ समझौता करके चीन और पाकिस्तान के सपनों को तोड़ दिया है।

दोस्तों भारत और ईरान के इस समझौते पर आपका मत क्या है? आप अपने विचार नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके शेयर कर सकते हैं।

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